11 घंटे के कडी मशक्कत के बाद एनटीपीसी के प्लांट परिसर मे भीषण आग बुझा, डायरेक्टर ने लिया जायजा

टंडवा: एनटीपीसी के प्लांट परिसर के भेल कंपनी के स्टाक यार्ड पर 9 दमकलो के प्रयास से 11 घंटे बाद फैले भीषण आग को पूरी तरह खत्म किया गया। वैसे तो शुक्रवार की देर शाम ही आग पर कंट्रोल कर लिया गया था पर यार्ड के उपकरणो के नीचले हिस्से मे रात 12 बजे तक पानी डालकर बुझाते रहे जवान। तब जाकर एनटीपीसी के कर्णपुरा पावर प्लांट से लेकर दिल्ली के अधिकारियो ने राहत की सांस ली। इस भीषण आगजनी काड मे कितने करोड़ का आर्थिक नुकसान है इसपर अधिकारिक ब्यान तो नही है पर जानकर इसे लगभग तीस से पैंतीस करोड़ की क्षति होने की आशंका जता रहे है। बताया गया कि जो भी नुकसान हुआ है वह प्लांट बना रही भेल कंपनी का हुआ है। इसमे एनटीपीसी का नुकसान नही के बराबर है। इधर इतनी बडी घटना होने के बाद बीएचईएल-भेल कंपनी के डायरेक्टर तजिंदर गुप्ता और एनटीपीसी डायरेक्टर आपरेशन रविन्द्र कुमार और एच आर आपरेशन डी के पटेल ने शनिवार को घटना स्थल का दौरा कर क्षति के आकलन किया और कारणो की जांच पडताल की। बताया गया कि शुक्रवार को भेल कंपनी के स्टाक यार्ड मे भीषण आग लगभग 12:40 दोपहर मे लग गयी थी। इस आग के तेजी से फैलाव मे घी काम किया हवाओ की रफ्तार । 15 से 20 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही हवाओ ने आग को कंट्रोल या पूर्णविराम लगाने मे लगभग 11 घंटे का समय लिया। जानकारो की माने तो एनटीपीसी खनन, सीसीएल और जिला प्रशासन के नौ दमकलो के कडी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। आग बुझाने मे लगे जवानो का कहना था कि स्टाक यार्ड मे टर्बाइन के ड्राम मे बंद आयल ने प्लांट परिसर मे तबाही मचायी। इतना ही नही स्टाक यार्ड के उपरे हिस्सो को पानी डालकर बुझाते ही नीचे या अन्य हिस्सा धधक उठता था। सुत्रो के अनुसार भेल कंपनी जिन उपकरणो को यार्ड मे रखा था उसमे इलेक्ट्रिक केबल, एसीसी का फैन, ब्लैक गेयर बाक्स, बडी बडी जनरेटर , आयल ड्रम, तथा कंट्रोल बल्ब समेत मंहगे उपकरण जल कर स्वाहा हो गये। जिसकी कीमत तीस करोड के आसपास होगी। दिल्ली से मुआयना करने आये भेल कंपनी के डायरेक्टर तजिंदर गुप्ता ने हिन्दुस्तान से बातचीत मे कहा है कि उपकरणो के क्षति का आकलन किया जा रहा है। एक दो दिनो मे आकलन कर लिया जायेगा। वैसे क्षति बडी है।

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